नमस्कार आप सभी को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई Christmas की आप सभी को! क्युकी आप सब जानते ही है की Christmas eve आ रह है क्रिस्चन समुदाय के लोग इस त्यौहार को हर साल 25 दिसम्बर को बड़े ही उत्साह से मानते है Christmas eve के 15 दिन पहले मसीह समाज के लोग इस्सकी तैयारियों में जुट जाते है इस दिन बाजार में काफी रगीन माहौल होता है बाजार की रौनक बढ़ जाती है रौशनियों से जगमगा उठता है।
Christmas eve के कुछ दिन पहले ही चर्च में विभिन प्रकार के कार्यकर्म शुरू हो जाते है और New Year आने तक चलते रहते है विभिन्न प्रकार के खेल खेले जाते है और भगवन से पार्थना की जाती है ईसाई समुदाय द्वारा घरो की साफ़ सफाई की जाती है और नए नए कपडे भी ख़रीदे जाते है और विभिन्न प्रकार के वयजन (खाने की लिए स्वादिष्ट खाना) बनाया जाता है।
इस दिन चर्च को विशेष रूप से सजाया जाता है और यीशु मसीह के जन्म गाथा को नाटक के रूप में पदर्शित किया जाता है कई जगह Christmas eve की पूर्व रात्रि गिरिजाघरों में सभा की जाती है जो की रात के 12 बजे तक चलती है और ठीक 12 बजे लोग अपने प्रियजनो को christmas eve की बधाईया देते है और खुशिया मानते है।
Christmas eve की सुबह गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा होती है यीशु मसीह की झांकिया प्रस्तुत की जाती है सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग नहीं बल्कि अन्य लोग धर्मो के लोग भी चर्च में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना करते है।
Christmas का त्यौहार बच्चो का बहुत फेवरेट त्यौहार होता है सांताक्लॉज जो की बच्चो के लिए बहुत सारे उपहार और चॉक्लेट लेकर आता है.यह एक काल्पनिक किरदार है जिससे प्रति बच्चो का लगाव होता है ऐसा कहा जाता है की सांताक्लॉज सवर्ग से आता है और बच्चो को मनचाही चीजे देकर जाता है कुछ लोग तो जान बूझकर सांताक्लॉज बन जाते है सांताक्लॉज जैसी भेषभूसा बनाकर बच्चो को खुश करते है।
इस दिन घर के आँगन में क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है इस ट्री को विशेष रूप से सजाया जाता है इस्सके माध्यम से एक दूसरे को उपहार भी देते है। केक Christmas eve बहुत ही प्राचीन व्यजन है इस्सके बिना मानो Christmas eve अधूरा सा लगता है केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत ही प्राचीनतम है
इस दिन चर्च और घरो में Christmas ट्री सजाने और केक बनाने बहुत है महत्व दिया जाता है घर पर आने जाने वाले लोगो और मेहमानो को केक खिलाकर मुँह मीठा किया जाता है और Christmas की बहुत बहुत बधैया दी जाती है
Christmas eve के कुछ दिन पहले ही चर्च में विभिन प्रकार के कार्यकर्म शुरू हो जाते है और New Year आने तक चलते रहते है विभिन्न प्रकार के खेल खेले जाते है और भगवन से पार्थना की जाती है ईसाई समुदाय द्वारा घरो की साफ़ सफाई की जाती है और नए नए कपडे भी ख़रीदे जाते है और विभिन्न प्रकार के वयजन (खाने की लिए स्वादिष्ट खाना) बनाया जाता है।
इस दिन चर्च को विशेष रूप से सजाया जाता है और यीशु मसीह के जन्म गाथा को नाटक के रूप में पदर्शित किया जाता है कई जगह Christmas eve की पूर्व रात्रि गिरिजाघरों में सभा की जाती है जो की रात के 12 बजे तक चलती है और ठीक 12 बजे लोग अपने प्रियजनो को christmas eve की बधाईया देते है और खुशिया मानते है।
Christmas eve की सुबह गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा होती है यीशु मसीह की झांकिया प्रस्तुत की जाती है सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग नहीं बल्कि अन्य लोग धर्मो के लोग भी चर्च में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना करते है।
Christmas का त्यौहार बच्चो का बहुत फेवरेट त्यौहार होता है सांताक्लॉज जो की बच्चो के लिए बहुत सारे उपहार और चॉक्लेट लेकर आता है.यह एक काल्पनिक किरदार है जिससे प्रति बच्चो का लगाव होता है ऐसा कहा जाता है की सांताक्लॉज सवर्ग से आता है और बच्चो को मनचाही चीजे देकर जाता है कुछ लोग तो जान बूझकर सांताक्लॉज बन जाते है सांताक्लॉज जैसी भेषभूसा बनाकर बच्चो को खुश करते है।
इस दिन घर के आँगन में क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है इस ट्री को विशेष रूप से सजाया जाता है इस्सके माध्यम से एक दूसरे को उपहार भी देते है। केक Christmas eve बहुत ही प्राचीन व्यजन है इस्सके बिना मानो Christmas eve अधूरा सा लगता है केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत ही प्राचीनतम है
इस दिन चर्च और घरो में Christmas ट्री सजाने और केक बनाने बहुत है महत्व दिया जाता है घर पर आने जाने वाले लोगो और मेहमानो को केक खिलाकर मुँह मीठा किया जाता है और Christmas की बहुत बहुत बधैया दी जाती है